सुनो गौर से, by sushil bansal |
सुनो गौर से करुण कहानी अपनी भारत माता की. अब तक मुझको सबने लूटा अपने शासन कालों में, अधनंगा सा खड़ा किया है मुझको अब कंगालों में. मैं सोने की चिड़िया थी अब क्यों चिड़िया हूँ बतलाओ, क्यों लूटा है सबने मुझको मेरा दोष तो समझाओ. कोस रही हूँ अपनी किस्मत शायद भूल हूँ दाता की, सुनो गौर से करुण कहानी अपनी भारत माता की. |
Posted: 2013-08-15 15:50:27 UTC |
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