"आस्था", by deepak sharma Subscribe to rss feed for deepak sharma

"नन्हे हाथों की,
नन्ही सी उँगलियाँ,
छूने का वह एहसास,
आज भी जिन्दा है,
वह,अनौखा विश्वास,
ईश्वर,यहीं कहीं है,
मेरे 'आस पास',
जो खोया,
वह भी,अपना था,
जो पाया,
वह तो इक,सपना था,
इस सपने में,रंग भरने
का,
पूरा है विश्वास,
क्योंकि,
ईश्वर,यहीं कहीं है,
मेरे 'आस पास '
Posted: 2017-11-29 23:13:03 UTC

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