"दिल से"

By deepak sharma •
"महक उठा मेरा मन,मुझसे,
सुनकर ही ये बातें,
दूर नहीं,वह पास यहीं,
जिनसे करनी थी बातें,
उनकी बातें,उनकी खुसबू,
उनकी हैं ये,सांसें,
उनसे मिलकर,उनसे ही,
कहनी ये,सारी बातें,
वह बातें जो,इत्र बिना ही,
जीवन को महकातीं,
जिनकी यादें,खुशबू बन,
इन सांसों मे,घुल जातीं,
जिन बातों मे,झरने का सुर,
और नदियों की,ताल,
वही सुहानी,बात बनातीं,
जीवन मे,सुरताल,
इन बातों की,यादों को,
बस उनसे ही,कहना है,
उनसे मिलकर,उनका ही,
ये हाल,बता देना है"